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Mathura
Govardhan Parvat
Fri 14th March 2025
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मथुरा में गोवर्धन तीर्थ का कण कण भगवान कृष्ण की महिमा का गुणगान करता है। शास्त्रों के अनुसार गोवर्धन तीर्थ में गोवर्धन पर्वत ब्रजवासियों, गौ माता एवं सभी पशुओं के जीवन यापन के लिए फल, फूल और अन्न प्रदान करता था। इसलिए ब्रजवासी इंद्रदेव के स्थान कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। इससे क्रोधित इंद्रदेव ने बृजनगरी में भयंकर वर्षा की जिससे पूरी नगरी डूबने लगी। ऐसे में भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव का अंहकार दूर करने और सभी ब्रजवासियों की रक्षा करने हेतु सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को उठाकर भयंकर वर्षा से सभी बृजवासियों की भूमि भवन और संपत्ति को रक्षा की थी। सभी ब्रजवासियों ने गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली। इसके बाद इंद्रदेव को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण से क्षमा याचना की। इसके बाद इस तीर्थ नगरी में भगवान कृष्ण राधा की पूजा के साथ गोवर्धन पर्वत की पूजा की भी प्रथा बन गई।
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