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Shri Vishnupad Temple, Gaya, Gaya, Bihar
Shri Vishnupad Temple, Gaya
Fri 19th December 2025
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वैदिक भारतीय संस्कृति में पितृों के निमित्त श्राद्ध करके और चढ़ावा सेवा अर्पण करके पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने का विशेष महत्व है। श्राद्ध कर्म के लिए भारत में गयाजी तीर्थ का विशेष महत्व है। गयाजी के तीर्थ में फल्गु गंगा नदी के तट के साथ विष्णु पद मंदिर में पितृों के निमित्त श्राद्ध कर्म करना और चढ़ावा सेवा अर्पण करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसे मुक्ति क्षेत्र माना गया है। कहते हैं इस मंदिर में साक्षात विष्णु भगवान पितृ के रूप में विराजमान है। विष्णु पद मंदिर में स्वयं भगवान विष्णु के पद चिह्न है। स्वयं भगवान राम ने गयाजी में अपने पिता दशरथ का श्राद्ध कर्म और पिंड दान किया था। लोग विष्णुपद मंदिर में अपने पितृों का श्राद्ध करते हैं और पितरों के निमित्त दान देते हैं, जिससे उनके पितृों को मोक्ष की प्राप्ति हो। गयाजी तीर्थ के बारे में महाभारत में लिखा है कि फल्गु नदी के पास मनुष्य अपने पितृों के निमित्त श्राद्ध करता है, वह पितरों के ऋण से विमुक्त हो जाता है। श्राद्ध में क्रमशः पिंडदान, तर्पण, ब्राह्मण भोजन के साथ गौसेवा और दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसलिए पितृ पक्ष की सभी तिथियों पर यहां अपने पितृों के निमित्त श्राद्ध और चढ़ावा सेवा अर्पण और दान किया जा सकता है।
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