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Naimisharanya
Shaktipeeth Lalita Devi
Fri 26th September 2025
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माता ललिता को दस महाविद्याओं में सर्वोच्च श्रेष्ठता दी गई है। स्वयं आदि गुरु शंकराचार्य ने माता ललिता को श्री विद्या की सर्वोच्च देवी बताया। कहा जाता है मां ललिता के घर से कभी कोई खाली नहीं आता है। जब भगवान विष्णु ने माता सती के 51 टुकड़े किए, तो मां सती का हृदय इस स्थान पर गिरा था, तभी से मां यहां मां ललिता के रूप में वास करती हैं। कहते हैं यहां मां के दर्शन मात्र से समस्त मनोकामना पूरी हो जाती है। मां को यहां त्रिपुरासुंदरी, राजराजेश्वरी, श्री विद्या सहित अन्य नामों से जाना जाता है। नैमिशारण्य के इस तीर्थ की महिमा का वर्णन 18 पुराणों में किया गया है। नैमिशारण्य हजारों ऋषि-मुनियों की तपस्थली है। यहां पर जल का कुंड स्वयं नारायण के सुदर्शन चक्र से बना है। यहां पास ही भगवान शिव ललितेश्वर के रूप में विराजमान है। तंत्र शास्त्र के साथ ही शाक्त परंपरा में मां ललिता देवी शक्तिपीठ अपनी सिद्धियों के लिए और भक्तों की मनोकामनाओं को तुरंत ही पूरा करने के लिए जाना जाता है।
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