🚩
MAA PRATYANGIRA DEVI TEMPLE, UJJAIN
Sun 19th October 2025
00
Days
00
Hrs
00
Min
00
Sec
शास्त्रों के अनुसार हिरण्यकश्यप का वध करने के पश्चात भगवान नरसिंह ने अपना क्रोध शांत करने के लिए उज्जैन में शिप्रा नदी में स्नान किया। स्नान के बाद भी उनके क्रोध शांत ना होने और अनियंत्रित होने पर भगवान शिव ने शरभ का रूप धारण कर नरसिंह को रोकने की कोशिश की। लेकिन दोनों ही लंबे समय तक बिना किसी परिणाम के साथ लड़ते रहे। तब सभी देवताओं के आग्रह पर मां दुर्गा ने देवी प्रत्यंगिरा का रूप धारण किया और अपने तीव्र स्वरूप और प्रचण्ड हुंकार से दोनों को स्तब्ध कर दिया। जिससे उन दोनों के बीच का भीषण युद्ध समाप्त हो गया और सृष्टि से प्रलय का संकट टल गया। माना जाता है, तभी से मां प्रत्यंगिरा उज्जैन में हमेशा के लिए विराजमान हो गई और आज तक अपने भक्तों की रक्षा के लिए दुष्टों और शत्रुओं का नाश करती आई हैं।
आज ही शुरू करें अपनी आध्यात्मिक यात्रा। देवधाम ऐप डाउनलोड करें और रोजाना अपने ईष्ट के दर्शन देखें। लाइव पूजाओं में भाग लें। भारत के प्रसिद्ध मंदिरों और तीर्थ क्षेत्रों से प्रसाद और अभिमंत्रित दिव्य उत्पाद प्राप्त करें।