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Kalimath
Rudraprayag
Sun 21st September 2025
05
Days
12
Hrs
08
Min
08
Sec
माता काली के अत्यधिक सिद्ध मंदिरों में से एक है रुद्रप्रयाग का कालीमठ मंदिर। यहां मां के श्रीयंत्र स्वरूप की पूजा की जाती है। यहां पर माता के चरण चिह्न मौजूद है। मान्यता है कि जब माता ने रक्तबीज का संहार किया, तो उससे युद्ध के बाद माता ने इसी स्थान पर आकर अपनी थकान उतारी थी। यहां पर महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, गौरी मंदिर और भैरव मंदिर स्थित हैं। यहां अखंड ज्योति निरंतर जल रही है। पूरे देशभर में केवल कालीमठ में ही माँ काली और उनकी बहनों माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती के मंदिर साथ में देखने को मिलते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह भी किवदंती है कि माता सती ने पार्वती के रूप में दूसरा जन्म इसी शिलाखंड में लिया था। यह अत्यंत दिव्य शक्तिपीठ है और मां काली समस्त ऊर्जा को समेटे हुए हैं। इस स्थान पर किया गया तंत्रोक्त यज्ञ कभी विफल नहीं होता है और व्यक्ति की समस्त परेशानियों का अंत हो जाता है।
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