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Kashi on 1, 2, 5, 15 & 20 November
Kartik Maas Sepcial Deep Daan in Kashi
Sat 1st November 2025
02
Days
02
Hrs
41
Min
05
Sec
काशी, जिसे वाराणसी या बनारस के नाम से भी जाना जाता है, सनातन धर्म की सबसे प्राचीन और पवित्र नगरी मानी जाती है। यह वह भूमि है जहाँ स्वयं भगवान महादेव विराजमान हैं और जहाँ जीवन और मृत्यु दोनों ही मोक्ष का मार्ग बन जाते हैं। काशी का नाम ही अमरत्व और दिव्यता का प्रतीक है। कार्तिक मास में काशी में किया गया दीपदान अत्यंत फलदायी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, जब भक्त गंगा तट पर दीपदान करते हैं, तो वह दीप केवल प्रकाश का प्रतीक नहीं होता, बल्कि वह भक्त की भक्ति, पुण्य और आशा का प्रतीक बन जाता है। यह माना जाता है कि दीपदान से व्यक्ति के जीवन का अंधकार दूर होता है, पापों का नाश होता है, और आत्मा में दिव्यता का संचार होता है। देव दीपावली के अवसर पर काशी के घाटों पर लाखों दीपक जलते हैं, जिससे पूरा नगर एक दिव्य लोक का रूप ले लेता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन स्वयं देवता गंगा तट पर उतरकर दीप प्रज्वलित करते हैं। इस पवित्र क्षण में किया गया दीपदान अनंत पुण्य प्रदान करता है, और भक्त के जीवन में सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। काशी केवल एक नगर नहीं, बल्कि यह स्वयं शिव का निवास और सनातनता का प्रतीक है। यहाँ किया गया हर धार्मिक कार्य, हर दान, हर प्रार्थना हजार गुना फल प्रदान करती है। इसलिए, काशी में दीपदान केवल एक कर्म नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है, जो आत्मा को ईश्वर के निकट ले जाती है।
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