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Kashi
Wed 26th February 2025
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कैलाश के बाद काशी को भगवान शिव का दूसरा घर कहा जाता है। गंगा नदी के तट पर बसे काशी के कण-कण में महादेव का वास है। विश्व के सर्वाधिक प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में काशी का उल्लेख मिलता है। पुराणों के अनुसार यह आद्य वैष्णव स्थान है। पहले यह भगवान विष्णु (माधव) की पुरी थी। जब भगवान शिव यहां आए, तो उन्हें यह जगह इतनी अच्छी लगी कि अपने नित्य निवास के लिए उन्होंने इस जगह को विष्णुजी से मांग लिया। पुराणों में काशी को मोक्षदायिनी पुरियों में स्थान दिया गया है। कहते हैं काशी में किसी भी जगह पर खड़े होकर की गई शिवजी की आराधना सीधे शिवजी तक जाती है और भक्तों की मनोकामना तुरंत ही पूरी होती है।
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