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Jagannath Puri
Thu 26th December 2024
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श्री जगन्नाथ पुरी तीर्थ क्षेत्र के कण-कण में भगवान जगन्नाथ का वास है, यहाँ वे स्वयं माता लक्ष्मी के साथ निवास करते हैं। इसे चार धाम में से एक धाम के रूप में मान्यता दी गई है। इस स्थान को कलियुग का वैकुंठ कहा जाता है। मान्यता है कि अपना दिव्य शरीर छोड़ने के बाद भगवान कृष्ण का हृदय समुद्र के रास्ते यहां पर आ गया था, जो आज भी यहां के कण-कण को उनकी दिव्य ऊर्जा प्रदान करता है। पुरी क्षेत्र को श्रीक्षेत्र, श्रीपुरुषोत्तम क्षेत्र, शाक क्षेत्र, नीलांचल, नीलगिरि और श्री जगन्नाथ पुरी भी कहते हैं। यहां लक्ष्मीपति विष्णु ने तरह-तरह की लीलाएं की थीं। इसलिए पुरी क्षेत्र में ब्राह्मण भोजन, गौ सेवा और दीपदान कराने से श्री लक्ष्मी नारायण प्रसन्न होते हैं और भक्तों के लिए ऐश्वर्य का खजाना खोल देते है।
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