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GOVARDHAN PARVAT, MATHURA
Wed 22nd October 2025
04
Days
19
Hrs
19
Min
17
Sec
मथुरा में गोवर्धन पर्वत का कण कण भगवान कृष्ण की महिमा का गुणगान करता है। शास्त्रों के अनुसार गोवर्धन पर्वत ब्रजवासियों, गौ माता एवं सभी पशुओं के जीवन यापन के लिए फल, फूल और अन्न प्रदान करता था। इसलिए ब्रजवासी इंद्रदेव के स्थान कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। इससे क्रोधित इंद्रदेव ने बृजनगरी में भयंकर वर्षा की जिससे पूरी नगरी डूबने लगी। ऐसे में भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव का अंहकार दूर करने और सभी ब्रजवासियों की रक्षा करने हेतु सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया। तब सभी ब्रजवासियों ने गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली। इसके बाद इंद्रदेव को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण से क्षमा याचना की। इसके बाद इस तीर्थ नगरी में भगवान कृष्ण राधा की पूजा के साथ गोवर्धन पर्वत की पूजा की भी प्रथा बन गई। गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट भोग और गौ सेवा की परंपरा है।
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