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Haridwar
Ganga Ghat
Sun 21st September 2025
03
Days
05
Hrs
11
Min
51
Sec
पितृों के तीर्थों के लिए यह स्थान गया की तरह की पवित्र माना जाता है। कहते हैं जब गयासुर भगवान विष्णु का विग्रह लेकर तब उस विग्रह से मुख्य धड़ वाला भाग इस स्थान पर गिरा था और चरण गया में। तब से गया की तरह हरिद्वार में भी पितृकर्म करना अच्छा माना जाता है। यहां पितृ कर्म करने से ना केवल पितृों को मोक्ष मिलता है, बल्कि लक्ष्मी की भी प्राप्ति होती है, क्योंकि इस स्थान पर नारायण का हृदय है और नारायण के हृदय में लक्ष्मी का वास है। मंदिर के अंदर भगवान विष्णु की आधी शिला की मूर्ति स्थापित है। जहां पूजा से समस्त कार्यों की भी सिद्धि होती है। पुराणों में लिखा है कि गया, काशी, हरिद्वार, देवप्रयाग और बद्रीनाथ में पितृ पूजा से पितरों को मुक्ति मिलेगी। क्यूंकि श्री विष्णु के चरण गया में, सिर बद्रीनाथ में और मुख्य धड़ नारायणी शिला, हरिद्वार में विद्यमान है।
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